बिहार के नवादा जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि जिले में अवैध रूप से चल रहे एक निजी क्लीनिक में बुखार के इलाज के दौरान एक 30 वर्षीय युवक की मौत हो गई. इस मौत पीछे झोलाचाप डॉक्टर की लापरवाही बताई जा रही है. यही वजह है कि मरीज की मौत के बाद ही वह फरार हो गया. मिली जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान तेतरिया बेलदरिया गांव निवासी कृष्ण मांझी के रूप में हुई है.कृष्ण को पिछले चार दिनों से बुखार था. उसके परिजनों ने डॉक्टर प्रवीण के नाम से चल रहे एक निजी क्लीनिक में इलाज कराया. इलाज के दौरान कृष्ण की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. उसे सांस लेने में परेशानी होने लगी. इसके बाद कथित डॉक्टर ने परिजनों को बहला-फुसलाकर मरीज को सदर अस्पताल ले जाने को कहा और क्लीनिक बंद कर फरार हो गया. सदर अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने कृष्ण को मृत घोषित कर दिया.मृतक के पीछे एक बेटी और एक बेटा हैं. परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से कृष्ण की मौत हुई है. स्थानीय लोगों के अनुसार, नवादा में यह पहली घटना नहीं है. जिले में कई अवैध नर्सिंग होम और क्लीनिक चल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग कभी-कभी कार्रवाई करता है, लेकिन कुछ दिनों बाद ये क्लीनिक दूसरे नाम से फिर शुरू हो जाते हैं. स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से ये अवैध क्लीनिक, नर्सिंग होम और अल्ट्रासाउंड केंद्र बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे हैं. इस घटना से पूरे इलाके में आक्रोश है और लोग कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.